कवि ने कठिन यथार्थ के पूजन की बात क्यों कही है?
कवि गिरिजा कुमार माथुर ने यथार्थ (सच्चाई) पूजन की बात इसलिए कही है, क्यों कि यथार्थ कड़वा परन्तु सत्य होता है। सत्य ही जीवन का आधार है और भविष्य निर्माण में सहायक भी। प्रायः मनुष्य वर्तमान की यथार्थ परिस्थितियों में रहकर भी अतीत की सुखद-स्मृतियों या फिर दुःखद स्मृतियों में डूबकर कल्पना लोक में विचरण करता है। जिसका कोई विशेष महत्व नहीं होता और न ही कोई उपयोगिता। अतीत की स्मृतियों में डूबे रहने से वर्तमान परिस्थितियाँ अधिक भयावह हो जाती हैं। अतीत की स्मृतियों में डूबकर हमें अपनी तरक्की नहीं रोकनी चाहिए। वर्तमान परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, हमें उनसे संघर्ष करते हुए अपने अनुकूल बनाने का प्रयास करना चाहिए। सत्य को स्वीकार करने की क्षमता सभी में होनी चाहिए। सत्य ही हमारा सच्चा मार्गदर्शक होता है।